Rewa news:समय पूर्व खाद का भंडारण कराने में प्रशासन के दावे हवा-हवाई!

Rewa news:समय पूर्व खाद का भंडारण कराने में प्रशासन के दावे हवा-हवाई!
गोदाम व समिति से खाद मिलना नामुमकिन है। वहीं बाजार में व्यापारी नकली खाद-बीज किसानों को बेच रहे हैं। सरकार व्यापारियों का माल बेचवाने में मदद कर रही है। सुरेश पटेल, तेंदुआ मनगवां
रीवा. जिलेभर के डबल लॉक गोदामों में डीएपी एवं यूरिया खाद की कमी है। पिछले दिनों जो खाद आई थी वही बिक चुकी है। किसानों की भीड़ को देखते हुए करहिया डबल लॉक से टोकन भी जारी किया गया था, लेकिन जब खाद ही नहीं है। प्रशासन का कहना था कि 27 नवंबर को रैक आएगी, लेकिन अब फिर कहा जा रहा है कि जो रैक रीवा आनी थी वह कहीं और चली गई है, तब तक किसानों को इंतजार करना पड़ेगा या फिर एक ही रास्ता है कि महंगे दामों में बाजार से खाद की खरीदी करें। जिले में खाद नहीं मिलने से रबी की बोवनी प्रभावित हो रही है। इस संबंध में किसानों से बातचीत की गई तो उनका साफ कहना है कि समय पूर्व खाद का भंडारण कराने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा। कृषि सहकारी समितियों में यदि पर्याप्त खाद भेजी जाती तो उनको लाइन नहीं लगानी पड़ती। साथ ही वितरण व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है। संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह ने कहा कि करहिया डबल लॉक में खाद की वितरण व्यवस्था ठीक नहीं थी, जिससे किसानों को फजीहत झेलनी पड़ी। अब प्रशासन रैक आने की बात कह रहा है, ऐसे में किसानों की बोनी काफी पिछड़ जाएगी। हर सीजन में खाद-बीज का रोना रहता है।
पूरे जिले में उर्वरक का संकट है। डबल लॉक में कमी है और समितियों में खाद नहीं भेजी गई। शासन-प्रशासन ने व्यापारियों को, किसानों को लूटने का लाइसेंस दे रखा है।
अभयराज सिंह, कुशवार सेमरिया
किसान सबसे बड़े संकट में हैं, डीएपी के अभाव में फसल की बोवनी नहीं हो पा रही है। सरकार झूठ पर झूठ बोल रही है। किसानों से वादा करने के बावजूद धान-गेहूं का रेट नहीं दिया।
लोकनाथ पटेल, ग्राम पांती गुढ़
कृषि प्रधान देश में ऐसी सरकार है जो किसानों से वायदा करके मुकर गई है। बोनी के समय डीएपी खाद गायब कर दिया है। सांसद, विधायक, मंत्री बोलने से बच रहे हैं।
रामभवन सिंह पटेल, कुठिला जवा
सरकार में किसान लगातार परेशान हो रहे हैं। सरकार किसानों का हित नहीं देखती, पूंजीपतियों की गुलाम हो गई है। पलेवा करके खेत कई दिनों से छोड़ दिया है। खाद मिल नहीं मिल रही है।
रामलाल तिवारी, मनगवां रीवा
रात दिन खेतों की रखवाली करते हैं, न समय पर खाद मिलती है न बीज। इस समय सरकार किसानों के साथ आतंकी जैसा व्यवहार कर रही है। प्रशासन को डीएपी का वितरण कराना चाहिए।
अनुसुइया प्रजापति, बिहरा रीवा
कम खेती है, किसी तरह डीएपी खाद पानी देकर कुछ अनाज पैदा कर लेते थे और परिवार का पेट पालते थे। इस साल डीएपी नहीं मिलने से लगता है अनाज के नाम पर एक दाना भी नहीं होगा।
भगवानदीन यादव, घोपी गंगेव